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कृष्ण कुमार ताम्रकार जी के कलम से...
जय हिंद जय भारत
आज देश स्वतंत्रता की 75 वीं सालगिरह मना रहा है
हमारे दादाजी स्वर्गीय श्री मोहनलाल ताम्रकार जी एक बेवाक जुझारू देशभक्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
कटनी शहर में जहां हमारी दुकान है वहीं से शहर की स्वाधीनता की सारी रूपरेखा तैयार की जाती थी,
सन 1928 में महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी का कटनी आगमन हुआ तो उन्हे राष्ट्रीय अखाड़े में ठहराया गया था , उन्होंने यहां से इलाहाबाद तक का सफर तय किया जिसमें हमारे संस्थान महावीर दल जो हमारी दुकान से संचालित किया जाता था उस संस्थान द्वारा आजाद जी की सहायता की गई
इस सफर के दौरान जब चंद्रशेखर आजाद जी इलाहाबाद का सफर कर रहे थे तो उसमें चांद पत्रिका जो इलाहाबाद से निकलती थी उसके संपादक द्वारा मुखबरी की गई जिसके बाद आजाद जी को अंग्रेजों ने गोली से छल्ली कर दिया और वह शहीद हो गए।
जिसके बाद हमारे दादा जी एवं उनके दल के अन्य सदस्यों को भी अंग्रेजों के द्वारा यहां कटनी में गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद सन 1933 में आदरणीय महात्मा गांधी जी का जब इस शहर में आगमन हुआ तब हमारे दादा जी स्वर्गीय श्री मोहनलाल जी ताम्रकार को स्वागत समिति में स्थान दिया और उन्हें उनका कार्यभार सौंपा गया था इस समिति के स्वागत अध्यक्ष स्वर्गीय श्री गणेश प्रसाद जी मसुरहा एवं स्वागत मंत्री श्री गोविंद प्रसाद खंपरिया जी को बनाया गया था।
इसके बाद जब महात्मा गांधी जी द्वारा देश में नमक कानून आंदोलन का आवाहन किया गया तो कटनी (मुड़वारा) तहसील से हमारे दादा जी को उसका प्रमुख बनाया गया।
हमारे दादा जी की गिनती उन कुछ चंद सेनानियों मैं आती है जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता के संग्राम मैं भाग लिया एवं देश के आजाद हो जाने के बाद सरकारी छूट ,पेंशन एवं किसी भी आर्थिक अन्य लाभों का उपयोग नहीं किया और उसे उन्होंने देश की सरकार को लिखित में भी दिया था।
आज जब देश अपनी स्वतंत्रता का 75 वीं सालगिरह मना रहा है तो हम उसमें अपने दादाजी एवं अन्य सेनानियों को जिन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने में अपना सहयोग दिया उन्हें हम शत शत नमन करते हैं।
जय हिंद । जय भारत ।